
कारे जहाँ दराज़ है- कुर्रतुल ऐन हैदर (संस्मरणात्मक तथा आत्मकथात्मक औपन्यासिक कृति व ग्रन्थावली 4 खण्डों में )
कुर्रतुल ऐन हैदर की महत्त्वपूर्ण संस्मरणात्मक, आत्मकथात्मक औपन्यासिक कृति 'कारे जहाँ दराज़ हैं' का हिन्दी अनुवाद चार खण्डों में प्रकाशित करने में वाणी प्रकाशन ग्रुप हर्ष का अनुभव कर रहा है। इस कृति का हिन्दी अनुवाद किया है इरफ़ान अहमद ने। अनुवाद को...