संघी आतंकवाद Sanghi Aatankvaad (Hindi)
संघी आतंकवाद Sanghi Aatankvaad (Hindi)
by Yugal Kishore Sharan Shastri
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Author: Yugal Kishore Sharan Shastri
Languages: Hindi
Number Of Pages: 45
Binding: Paperback
Package Dimensions: 9.0 x 6.0 x 0.8 inches
Release Date: 01-12-2019
Details: हमारा देश भारत अपनी गंगा-जमुनी संस्कृति एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए प्रसिद्ध रहा है, परन्तु कुछ असामाजिक तत्त्व इसकी इस विशेषता को समाप्त कर यहां के वातावरण में नफ़रत और साम्प्रदायिकता का ज़हर घोलने का प्रयास भारत-विभाजन के पहले ही से करते रहे हैं और आज उनकी ये कोशिशें अपने चरम पर हैं। प्रस्तुत पुस्तक ‘संघी आतंकवाद’ के लेखक युगल किशोर शरण शास्त्री चूँकि स्वयं भी एक लम्बे समय तक संघ-प्रचारक रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने संघ की इस वैमनस्यपूर्ण तथा विघटनकारी मानसिकता को बहुत क़रीब से जाना और पूरी निर्भीकता के साथ, मुखर रूप से अपनी इस पुस्तक में प्रस्तुत किया है। इसके साथ ही उन्होंने इन असामाजिक तत्त्वों द्वारा इस्लाम के बारे में फैलायी जा रही ग़लतफ़हमियों को भी दूर करने का प्रयास किया है। यह पुस्तक संघी आतंकवाद की मानसिकता को समझने तथा उसके बारे में लेखक के मुखर एवं स्पष्टवादी विचारों को जानने के लिए अवश्य पढ़ी जा सकती है। युगल किशोर शरण शास्त्री का जन्म 1958 में बिहार के ज़िला सीतामढ़ी में हुआ। लगभग 45 साल से वह अयोध्या के सरयूकुंज रामजानकी मंदिर के महंत हैं। 1976 से 1985 तक वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे, जहां उन्होंने जन एकता के लिए सबसे बड़ी बाधा ब्राह्मणवाद को जाना। तब से ही सांप्रदायिक ताक़तों के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं। साम्प्रदायिक सद्भाव व मानव एकता के लिये लगभग तीन दशकों से समाजिक कार्य करते आ रहे हैं। पूरे भारत में दो दर्जन से अधिक शान्ति व सद्भाव यात्रा निकाल चुके हैं। हर सच्चाई को वे सामाजिक जीवन में मज़बूती से रखते आ रहे हैं। आठ पुस्तकों के लेखक हैं और आठ दर्जन से ज़्यादा लेख भी प्रकाशित हो चुके हैं। सामाजिक कार्यों के लिए आधा दर्जन से अधिक बार जेल भी जा चुके हैं।
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