Autobiography of Timur Lang
Autobiography of Timur Lang
by Timur Lang
Author: Timur Lang
Languages: Hindi
Number Of Pages: 546
Binding: Paperback
Package Dimensions: 9.4 x 5.5 x 0.7 inches
Release Date: 01-12-2018
Details: 520 साल पहले सन् 1398 में तैमूर लंग ने भारत पर हमला किया था. यह उसके जीवन का एक तरह से आखिरी बड़ा अभियान था. दिल्ली से वह अकूत संपदा लूट कर ले गया. तैमूर एक मामूली परिवार में जन्मा था, पर तलवारबाज़्ाी के कौशल से वह सिपाही बना, फिर राज्य जीते, और साम्राज्य का विस्तार किया. उसने सारी जिंदगी दूसरे राज्यों पर हमला किया, उन्हें लूटा, जीता और लाखों लोगों की हत्याएं कीं. मृत्यु से पहले उसने यह आत्मकथा बोल कर फारसी भाषा में लिखवाई थी. इस आत्मकथा का महत्त्व इस बात में है कि यह उस दौर का समूचा चित्र सामने रख देती है. तैमूर की जिंदगी की कहानी तो यह है ही, साथ ही उस दौर के एशियाई इलाकों के इतिहास का एक अध्याय भी है. मध्ययुग के इतिहास की बर्बरता और लूट इसका एक आयाम है तो दूसरा आयाम तत्कालीन समाज और इंसानों का जीवंत वर्णन भी है. मसलन भारत-अभियान के दौरान उसने इस देश को जैसा देखा, उसका दिलचस्प और प्रामाणिक वर्णन इतिहास की हमारी जानकारी में काफी कुछ इजाफा करने वाला है.
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