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Raag Darbari

Raag Darbari

by Shrilal Shukla

Regular price Rs 325.00
Regular price Rs 399.00 Sale price Rs 325.00
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Binding

Language: Hindi

Number Of Pages: 335

Binding: Paperback

राग दरबारी एक ऐसा उपन्यास है जो गाँव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से अनावृत्त करता है | शुरू से आखिर तक इतने निस्संग और सोद्देश्य व्यंग्य के साथ लिखा गया हिंदी का शायद यह पहला वृहत उपन्यास है | फिर भी राग दरबारी व्यंग्य-कथा नहीं है | इसका सम्बन्ध एक बड़े नगर से कुछ दूर बसे हुए गाँव की जिंदगी से है, जो इतने वर्षों की प्रगति और विकास के नारों के बावजूद निहित स्वार्थों और अनेक अवांछनीय तत्त्वों के सामने घिसट रही है | यह उसी जिंदगी का दस्तावेज है | 1968 में राग दरबारी का प्रकाशन एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक घटना थी | 1971 में इसे साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1986 में एक दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में इसे लाखों दर्शकों की सराहना प्राप्त हुई | वस्तुतः राग दरबारी हिंदी के कुछ कालजयी उपन्यासों में से एक है |
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