Skip to product information
1 of 1

Khud Se Milne Ki Fursat Kise Thi

Khud Se Milne Ki Fursat Kise Thi

by Parveen Shakir

Regular price Rs 199.00
Regular price Rs 199.00 Sale price Rs 199.00
Sale Sold out
Shipping calculated at checkout.

Language: Hindi

Number Of Pages: 144

Binding: Paperback

ख़ुद से मिलने की फ़ुरसत किसे थी - परवीन शाकिर (24 नवम्बर 1952-26 दिसम्बर 1994) की शायरी यक़ीनी तौर पर इसीलिए अपने समाज के लिए एक बहुत बड़े मसले का सबब बन जाती है। क्योंकि बावजूद इसके कि उनकी ज़िन्दगी बज़ाहिर उन पर मेहरबान मालूम होती थी, उनकी शायरी दो बिन्दुओं के इर्द-गिर्द घूमती है-मुहब्बत और धोखा। और जैसा कि फ़ैज़ अहमद फैज़ ने बड़े ही यादगार अन्दाज़ में लिखा है, "और भी दुख हैं ज़माने में मुहब्बत के सिवा/राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा।" लेकिन उन दूसरी ख़ुशियों और ग़मों का क्या? हालाँकि ग़म-ए-जानाँ तक तो ठीक है, लेकिन ग़म-ए-दौराँ का क्या होगा? क्या कोई शायर या कोई भी सोच और समझ वाला इन्सान इससे मुतास्सिर हुए बिना रह सकता है? यक़ीनन, पूरी दुनिया भर के लोग, ख़ासतौर पर हमारी दुनिया के हिस्से के लोग, इन सामाजिक बुराइयों और असमानताओं से वाक़िफ़ हुए बग़ैर नहीं रह सकते। इनमें से कुछ की तरफ परवीन शाकिर ने अपनी नज़्मों में इशारा किया है; उनकी ग़ज़लें अलबत्ता लगभग पूरी तरह से रूमानी अन्दाज़ की हैं।

View full details

Recommended Book Combos

Explore most popular Book Sets and Combos at Best Prices online.