Skip to product information
1 of 1

Aahat Desh

Aahat Desh

by Arundhati Roy

Regular price Rs 265.50
Regular price Rs 295.00 Sale price Rs 265.50
Sale Sold out
Shipping calculated at checkout.
Binding

Language: Hindi

Number Of Pages: 183

Binding: Paperback

"वह जंगल जो दण्डकारण्य के नाम से जाना जाता था और जो पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उडीसा, छत्तीसगढ से लेकर आन्ध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों को समेटता हुआ महाराष्ट्र तक फैला है, लाखों आदिवासियों का घर है । मीडिया ने इसे ‘लाल गलियारा' या ‘माओवादी गलियारा' कहना शुरु कर दिया है । लेकिन इसे उतने ही सटीक ढंग से ‘अनुबन्ध गलियारा' कहा जा सकता है । इससे रत्ती-भर फ़र्क नहीं पड़ता कि संविधान की पाँचवीं सूची में आदिवासी लोगों के संरक्षण का प्रावधान है और उनकी भूमि के अधिग्रहण पर पाबन्दी लगायी गयी है । लगता यही है कि यह धारा वहाँ महज़ संविधान की शोभा बढाने के लिए रखी गयी है-थोड़ा-सा मिस्सी-गाजा, लिपस्टिक-काजल । अनगिनत निगम, छोटे अनजाने व्यापारी ही नहीं, दुनिया के दैत्याकार-से-दैत्याकार इस्पात और खनन निगम-मित्तल, जिन्दल, टाटा, एस्सार, पॉस्को, रिओ टिंटो, बीएचपी बिलिटन और हाँ, वेदान्त भी--आदिवासियों के घर-बार को हड़पने की फिराक में हैं । माओवादी हिसा की भयावह कहानियों खोजने वाले (और न मिलने पर उन्हें गढ़ लेने वाले) ख़बरिया चेनल लगता है किस्से के इस पक्ष में बिलकुल दिलचस्पी नहीं रखते । मुझे अचरज है, ऐसा क्यों ?” युद्ध, भारत की सीमाओं से चलकर देश के हृदय-स्थल में मौजूद जंगलों तक फैल चुका है । भारत की सर्वाधिक प्रतिष्ठासम्पन्न लेखिका द्वारा लिखित यह पुस्तक ‘आहत देश' कुशाग्र विश्लेषण और रिपोर्टों के संयोजन द्वारा उभरती हुई वैश्विक महाशक्तियों के समय में प्रगति और विकास का परीक्षण करती है और आधुनिक सभ्यता को लेकर कुछ मूलभूत सवाल उठाती है ।
View full details

Recommended Book Combos

Explore most popular Book Sets and Combos at Best Prices online.