Bombay Bar: Mumbai Baar Baalaon Kee Zindagee Kee Safed-Syaah Daastaan
Bombay Bar: Mumbai Baar Baalaon Kee Zindagee Kee Safed-Syaah Daastaan
by Vivek Agrawal
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Author: Vivek Agrawal
Languages: Hindi
Number Of Pages: 144
Binding: Paperback
Package Dimensions: 8.5 x 5.4 x 0.5 inches
Release Date: 01-01-2018
Details: Product Description सुपरिचित पत्रकार विवेक अग्रवाल की यह किताब मुम्बई की बारबालाओं की जिन्दगी की अब तक अनकही दास्तान को तफसील से बयान करती है। यह किताब बारबालाओं की जिन्दगी की उन सच्चाइयों से परिचित कराती है जो निहायत तकलीफदेह हैं। बारबालाएँ अपने हुस्न और हुनर से दूसरों का मनोरंजन करती हैं। यह उनकी जाहिर दुनिया है। लेकिन शायद ही कोई जानता होगा कि दूर किसी शहर में मौजूद अपने परिवार से अपनी सच्चाई को लगातर छुपाती हुई वे उसकी हर जिम्मेदारी उठाती हैं। वे अपने परिचितों की मददगार बनती हैं। लेकिन अपनी हसरतों को वे अकसर मरता हुआ देखने को विवश होती हैं। कुछ बारबालाएँ अकूत दौलत और शोहरत हासिल करने में कामयाब हो जाती हैं, पर इसके बावजूद जो उन्हें हासिल नहीं हो पाता, वह है सामाजिक प्रतिष्ठा और सुकून-भरी सामान्य पारिवारिक जि़न्दगी। विवेक बतलाते हैं कि बारबालाओं की जि़न्दगी के तमाम कोने अँधियारों से इस कदर भरे हैं कि उनमें रोशनी की एक अदद लकीर की गुंजाइश भी नजर नहीं आती। इससे निकलने की जद्दोजहद बारबालाओं को कई बार अपराध और थाना-पुलिस के ऐसे चक्कर में डाल देती है, जो एक और दोजख है। लेकिन नाउम्मीदी-भरी इस दुनिया में विवेक हमें शर्वरी सोनावणे जैसी लड़की से भी मिलवाते हैं जो बारबालाओं को जिस्मफरोशी के धन्धे में धकेलनेवालों के खिलाफ कानूनी जंग छेड़े हुए है। किन्नर भी इस दास्तान के एक अहम किरदार हैं, जो डांसबारों में नाचते हैं। अपनी खूबसूरती की बदौलत इस पेशे में जगह मिलने से वे सम्मानित महसूस करते हैं। हालाँकि उनकी जि़न्दगी भी किसी अन्य बारबाला की तरह तमाम झमेलों में उलझी हुई है। एक नई बहस प्रस्तावित करती किताब। About the Author विवेक अग्रवाल 1985 से अपराध, कानून, सैन्य, आतंकवाद और आर्थिक अपराधों की खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं। बतौर अपराध संवादताता विवेक 1993 में राष्ट्रीय अखबार 'जनसत्ता’ से जुड़े और मुंबई माफिया पर दर्जनों खोजी रपटें प्रकाशित कीं। 'जनमत’ चैनल जो बाद में 'लाइव इंडिया’ बना, में भी लम्बी पारी खेली। मराठी चैनल 'मी मराठी’ से भी जुड़े। अपराध जगत पर उनकी विशेषज्ञता का लाभ हॉलैंड के मशहूर चैनल 'ईओ’ तथा 'एपिक’ भी उठा चुके हैं। आपकी चर्चित किताबें—मुंभाई, मुंभाई रिटर्न्स और खेल खल्लास है। 'अंडरवर्ल्ड बुलेट्स’ नाम से अगली किताब शीघ्र प्रकाश्य।
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