Skip to product information
1 of 1

Brahmanda Parichaya

Brahmanda Parichaya

by Gunakar Muley

No reviews
Regular price Rs 539.00
Regular price Rs 595.00 Sale price Rs 539.00
Sale Sold out
Shipping calculated at checkout.
Binding

Language: Hindi

Number Of Pages: 256

Binding: Hardcover

अपने अस्तित्व के उषःकाल से ही मानव सोचता आया है - आकाश के ये टिमटिमाते दीप क्या हैं? क्यों चमकते हैं ये? हमसे कितनी दूर हैं ये? सूरज इतना तेज क्यों चमकता है? कौन-सा ईंधन जलता है उसमें? आकाश का विस्तार कहाँ तक है? कितना बड़ा है ब्रह्मांड? कैसे हुई ब्रह्मांड की उत्पत्ति और कैसे होगा इसका अंत? क्या ब्रह्मांड के अन्य पिंडों पर भी धरती जैसे जीव-जगत का अस्तित्व है? इस विशाल विश्व में क्या हमारे कोई हमजोली भी हैं, या कि सिर्फ हम ही हम हैं? इन सवालों के उत्तर प्राप्त करने के लिए सहस्राब्दियों तक आकाश के ग्रह-नक्षत्रों की गति-स्थिति का अध्ययन किया जाता रहा। विश्व के नए-नए मॉडल प्रस्तुत किए गए। परंतु विश्व की संरचना और इसके विविध पिंडों के भौतिक गुणधर्मों के बारे में कुछ सही जानकारी हमें पिछले करीब दौ सौ वर्षों से मिलने लगी है। इसमें भी सबसे ज्यादा जानकारी पिछली सदी के आरंभ से और फिर अंतरिक्षयात्रा का युग शुरू होने के बाद से मिलने लगी है। खगोल-विज्ञान हालांकि सबसे पुराना विज्ञान है, परंतु ब्रह्मांड की संरचना और इसके विस्तार के बारे में सही सूचनाएं पिछले करीब सौ वर्षों में ही प्राप्त हुई हैं। इस समूची जानकारी का ग्रंथ में समावेश है। अगस्त 2006 में अंतर्राष्ट्रीय खगोल-विज्ञान संघ ने ‘ग्रह’ की एक नई परिभाषा प्रस्तुत की। इसके तहत सौरमंडल के ‘प्रधान ग्रहों’ की संख्या 8 में सीमित हो गई और प्लूटो, एरीस तथा क्षुद्रग्रह सीरेस अब ‘बौने ग्रह’ बन गए हैं। इस नई व्यवस्था का ग्रंथ में समावेश है, विवेचन है। यह ब्रह्मांड-परिचय ग्रंथ संपूर्ण ज्ञेय ब्रह्मांड का वैज्ञानिक परिचय प्रस्तुत करता है - भरपूर चित्रों, आरेखों व नक्शों सहित। ग्रंथ के 12 परिशिष्टों की प्रचुर संदर्भ सामग्री इसे खगोल-विज्ञान का एक उपयोगी ‘हैंडबुक’ बना देती है। हिंदी माध्यम से ब्रह्मांड के बारे में अद्यतन, प्रामाणिक जानकारी चाहने वाले पाठकों के लिए एक अनमोल ग्रंथ।
View full details

Recommended Book Combos

Explore most popular Book Sets and Combos at Best Prices online.