Author: Jerry Pinto Translated By Prabhat Milind
Languages: Hindi
Number Of Pages: 270
Binding: Paperback
Release Date: 22-06-2022
"एम और हूम साहब - जेरी पिंटो मात्र तीन वर्ष की आयु से लेखन के संसार में ख़ुद को अभिव्यक्त करते आये हैं। उनके असाधारण लेखन की एक अद्भुत यात्रा रही है और इसी यात्रा में 'एम और हूम साहब' जेरी पिंटो का एक विलक्षण उपन्यास है। यह उपन्यास मूलतः अंग्रेज़ी भाषा में लिखा गया है। कथाकार ने अपनी कथा की बुनाई मुम्बई में एक छोटे से फ्लैट में रहने वाले कैथोलिक परिवार के रोज़मर्रा के जीवन के इर्द-गिर्द रची है। यह उपन्यास संवेदनाओं की सूक्ष्म लहरों पर जीवन के सुन्दर, मज़ाकिया और मन को सिहरा देने वाले वर्णनों की एक चित्रमयी शृंखला है। उपन्यास के माध्यम से जेरी पिंटो ने मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक द्वन्द्व, पारिवारिक सम्बन्ध, शर्म, क्षमा, वितृष्णा, मानसिकता, अवसाद, विश्वास, धर्म और नास्तिकता जैसे जीवन के महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं को टटोलने का उत्तम प्रयास किया है। कथा में वर्णित घटनाएँ पूरी विनम्रता और संवेदनशीलता के साथ भावों के अतिरेक होने की स्थिति से बचते हुए पाठकों के समक्ष आती हैं। सभी कथापात्रों में केवल 'एम' यानी 'इमेल्डा' का चरित्र विरोधाभासी प्रतीत होता है और यूँ देखा जाये तो पूरी कथा ही 'एम' के जीवन, उसके अवसाद, आत्महत्या के प्रयासों और अन्त में उसकी मृत्यु के आस-पास ही घूमती है। अंग्रेज़ी मूल का यह विलक्षण उपन्यास 'द हिन्दू लिटरेरी प्राइज़', 'क्रॉसवर्ड बुक अवार्ड', 'साहित्य अकादेमी पुरस्कार' और 'विंडहैम-कैम्पबेल 'साहित्य पुरस्कार' से सम्मानित है। वाणी प्रकाशन ग्रुप इस पुस्तक का हिन्दी अनुवाद पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए गौरवान्वित है। प्रभात मिलिंद ने इस कृति का हिन्दी भाषा में अनुवाद किया है। बिहार में जन्मे प्रभात मिलिंद स्वतन्त्र लेखक और अनुवादक हैं। "