Gudiya Bhitar Gudiya
by Maitriye Pushpa
Original price
Rs 295.00
Current price
Rs 265.00


- Language: Hindi
- Pages: 352
- ISBN: 9788126722426
- Category: Novel
- Related Category: Literature
Product Description
तो यह है मैत्रेयी पुष्पा की आत्मकथा का दूसरा भाग। कस्तूरी कुंडल बसै के बाद गुड़िया भीतर गुड़िया। अगर बाज़ार की भाषा में कहें तो मैत्रेयी का एक और धमाका। आत्मकथाएँ प्रायः बेईमानी की अभ्यास- पुस्तिकाएँ लगती हैं क्योंकि कभी सच कहने की हिम्मत नहीं होती तो कभी सच सुनने की। अक्सर लिहाज़ में कुछ बातें छोड़ दी जाती हैं तो कभी उन्हें बचा-बचाकर प्रस्तुत किया जाता है। मैत्रेयी ने इसी तनी रस्सी पर अपने को साधते हुए कुछ सच कहे हैंदृअक्सर लक्ष्मण- रेखाओं को लाँघ जाने का ख़तरा भी उठाया है। मैत्रेयी ने डॉ. सिद्धार्थ और राजेन्द्र यादव के साथ अपने सम्बन्धों को लगभग आत्महंता बेबाकी के साथ स्वीकार किया है। यहाँ सबसे दिलचस्प और नाटकीय सम्बन्ध हैं पति और मैत्रेयी के बीच, जो पत्नी की सफलताओं पर गर्व और यश को लेकर उल्लसित हैं मगर सम्पर्कों को लेकर ‘मालिक’ की तरह सशंकित। घर-परिवार के बीच मैत्रेयी ने वह सारा लेखन किया है जिसे साहित्य में बोल्ड, साहसिक और आपत्तिजनक इत्यादि न जाने क्या-क्या कहा जाता है और हिन्दी की बदनाम मगर अनुपेक्षणीय लेखिका के रूप में स्थापित हैं। गुड़िया भीतर गुड़िया एक स्त्री के अनेक परतीय व्यक्तित्व और एक लेखिका की ऐसी ईमानदार आत्म-स्वीकृतियाँ हैं जिनके साथ होना शायद हर पाठक की मजबूरी है। हाँ, अब आप सीधे मुलाक़ात कीजिए गुड़िया भीतर गुड़िया यानी साहित्य की अल्मा कबूतरी के साथ।