Skip to product information
1 of 1

Jahan Auratein Gadhi Jati Hain

Jahan Auratein Gadhi Jati Hain

by Mrinal Pande

No reviews
Regular price Rs 355.50
Regular price Rs 395.00 Sale price Rs 355.50
Sale Sold out
Shipping calculated at checkout.
Binding

Number Of Pages: 144

Binding: Hardcover

हिन्दी की वरिष्ठ कथाकार और पत्रकार मृणाल पाण्डे अपने लेखन में समय तथा समाज के गम्भीर मसलों को लगातार उठाती रही हैं । भारतीय स्त्रियों के संघर्ष और जिजीविषा को भी वे इसी व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखती– परखती रही हैं । यही कारण है कि स्त्री–प्रश्न के प्रति गहरी प्रतिबद्धता के बावजू’द, उनका लेखन स्त्री–विमर्श के संकीर्ण दायरे में सिमटा हुआ नहीं है । वे ‘अन्दर के पानियों का सपना’ देखती हैं, तो ‘नारीवादी आन्दोलन की विडम्बना’ को भी उजागर करती हैं । इस पुस्तक में समय–समय पर लिखी गई उनकी टिप्पणियाँ और आलेख संकलित हैं । लेखिका ने राजनीति में ‘महिला सशक्तिकरण’ और ‘पंचायती राज में महिला भागीदारी’ जैसे बड़े सवालों के साथ–साथ कई छोटे–छोटे मसलों और प्रश्नों को भी उठाया है, जिनसे गुज़रते हुए एक ऐसा ‘हॉरर शो’ पाठकों के सामने उपस्थित होता है, जिसमें पुरुषवादी समाज की नृशंसता में फँसी स्त्री की छटपटाहटों के कई रूप दिखलाई देते हैं । इसमें सिर्फ पराजय ही नहीं, प्रतिकार की छटपटाहट भी है । करुणा के भीतर की बेचैनी को रेखांकित करना मृणाल पाण्डे के लेखन की ख़ास विशेषता है । एक पत्रकार के नाते वे हर छोटे–बड़े सवाल को शिद्दत के साथ उठाती हैं, लेकिन, अपने पात्रों को जड़ पदार्थ मानकर छोटा नहीं बनातीं, बल्कि एक लेखिका के नाते संवेदना के स्तर पर उनसे जुड़ जाती हैंµयही चीज़ मृणाल पाण्डे के लेखन को सबसे अलग और विशिष्ट बनाती है ।
View full details