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Kavita Aur Shudha Kavita

Kavita Aur Shudha Kavita

by Ramdhari Singh Dinkar

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Author: Ramdhari Singh Dinkar

Languages: Hindi

Number Of Pages: 270

Binding: Hardcover

Package Dimensions: 8.5 x 5.7 x 0.8 inches

Release Date: 01-01-2018

Details: कविता और शुद्ध कविता राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के साहित्यिक निबंधो का ही संग्रह नहीं है बल्कि इसके सभी निबंध एक ही ग्रन्थ के विभिन्न अध्याय हैं और वे विभिन्न दिशाओं से एक ही विषय पर प्रकाश डालते है ! पुस्तक हमें बताती है कि कविता की चर्चा केवल कविता की चर्चा नहीं है, वह समस्त जीवन की चर्चा है ! ईश्वर, कविता और क्रांति-इन्हें जीवन के समुच्चय में प्रवेश किए बिना नहीं समझा जा सकता ! कविता अगर यह व्रत ले ले कि वह केवल शुद्ध होकर जियेगी, तो उस व्रत का प्रभाव कविता के अर्थ पर भी पड़ेगा, कवि की सामाजिक स्थिति पर भी पड़ेगा, साहित्य के प्रयोजन पर भी पड़ेगा ! नई कविता का आन्दोलन यूरोप में लगभग सौ वर्षो से चल रहा है ! आश्चर्य की बात यह है कि वह अब भी पुराना नहीं पड़ा है ! उसके भीतर से बराबर नए आयाम प्रकट होते जा रहे हैं ! रोमांटिक युग तक कविता किसी निश्चित चौखटे में जड़ी देखी जा सकती थी; किन्तु उसके बाद से वह दिनों-दिन हर प्रकार के चौखटे से घृणा करती आई है ! आज अन्तराष्ट्रीय काव्य जहाँ खड़ा है, वहां केवल आसमान ही आसमान है, कहीं कोई क्षितिज दिखाई नहीं देता ! इसीलिए पुराने आलोचकों को नई कविता को छूने में अप्रियता और कुछ संकोच का भी अनुभव होता है ! नए कलेवर में प्रस्तुत यह पुस्तक सभी कविता-प्रेमियों के लिए एक सुखद अनुभव लेकर आएगी, ऐसा हमारा विश्वास है|

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