Lokpriya Shayar Aur Unki Shayari - Nazir Akbarabadi
by Nazeer Akbarabadi

इस अत्यंत लोकप्रिय पुस्तक-माला की शुरुआत 1960 के दशक में हुई जब पहली बार नागरी लिपि में उर्दू की चुनी हुई शायरी के संकलन प्रकाशित कर राजपाल एण्ड सन्ज़ ने हिन्दी पाठकों को उर्दू शायरी का लुत्फ़ उठाने का अवसर प्रदान किया। इस पुस्तक-माला का संपादन उर्दू के सुप्रसिद्ध संपादक प्रकाश पंडित ने किया था। हर पुस्तक में शायर के संपूर्ण लेखन में से बेहतरीन शायरी का चयन है और पाठकों की सुविधा के लिए कठिन शब्दों के अर्थ भी दिए हैं। प्रकाश पंडित ने हर शायर के जीवन और लेखन पर—जिनमें से कुछ समकालीन शायर उनके परिचित भी थे—रोचक और चुटीली भूमिकाएं लिखी हैं। आज तक इस पुस्तक-माला के अनगिनत संस्करण छप चुके हैं। अब इसे एक नई साज-सज्जा में प्रस्तुत किया जा रहा है जिसमें उर्दू शायरी के जानकार सुरेश सलिल ने अतिरिक्त सामग्री जोड़ी है। नज़ीर अकबराबादी नज़ीर अकबराबादी (1735-1830) अठारहवीं सदी के उर्दू शायर थे जो अपनी नज़्मों के लिए याद किये जाते हैं। उन्होंने आम लोगों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर सरल भाषा में नज़्में लिखीं जो आज तक लोकप्रिय हैं। उन्होंने ग़ज़लें भी लिखीं लेकिन उनकी अधिकांश शायरी अब उपलब्ध नहीं है। इस संकलन में उनकी चुनिंदा ग़ज़लें और नज़्में संकलित हैं।