1
/
of
1
Nirmala : Patkatha
Nirmala : Patkatha
by Mannu Bhandari
No reviews
Regular price
Rs 355.50
Regular price
Rs 395.00
Sale price
Rs 355.50
Unit price
/
per
Shipping calculated at checkout.
Couldn't load pickup availability
Number Of Pages: 160
Binding: Hardcover
‘निर्मला' प्रेमचन्द का सुपरिचित उपन्यास है जिस पर एकाधिक बार टीवी धारावाहिक ओर फिल्मों का निर्माण हो चुका हैं । मन्नू भंडारी लिखित इस उपन्यास की यह पटकथा हिंदी टेलीविज़न के दर्शकों को दूरदर्शन के उन दिनों में वापस ले जाएगी जब इस सरकारी चैनल ने एक से एक क्लासिक धारावाहिक प्रस्तुत किए थे । यह वह दौर था जब हिंदी के नामचीन लेखको ने दूरदर्शन के स्तरीय धारावाहिकों के लेखन में बड़ा योगदान दिया और हमारे सामने 'तमस’, 'मालगुडी डेज़', 'कक्काजी कहिन’, 'राग दरबारी' और 'निर्मला' जैसे धारावाहिक आए | यह दूरदर्शन और भारतीय टेलीविजन का मनोरंजन के क्षेत्र में स्वर्णकाल था | "निर्मला' उसी समय का धारावाहिक है जिसका स्क्रीनप्ले हिन्दी की लोकप्रिय आर बहुपठित कहानीकार मन्नू भंडारी ने लिखा। 'निर्मला' एक मध्यवर्गीय युवती की कथा है जो दुदैंव के चलते आजीवन कष्ट में रही और अन्ततः: कष्ट के अतिरेक में ही इस दुनिया को विदा कह गई | लेकिन उसके जीवन की दारुण यात्रा का आरम्भ ओर अन्त पारम्परिक भारतीय समाज में प्रचलित स्त्री-जीवन के प्रति नजरिए में है, जहाँ माना जाता रहा हैं कि लड़की सयानी हो गई है तो उसका समय रहते विवाह सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक कार्य है जिसे हर हाल में हो जाना है | इसी के चलते निर्मला को पहले दहेज का और फिर बेमेल विवाह का शिकार होना पड़त्ता है । बिवाह उसके कहीं बड़ी आयु के जिस व्यक्ति से होता है उसके तीन बच्चे हैं | परिणाम किस्म-किस्म की मानसिक जटिलताएँ और संघर्ष पैदा होते हैं और अन्ततः पूरा परिवार बिखर जाता है | बचे रह जाते है विधुर तोताराम । मन्नू जी ने एक स्त्री की निगाह से देखते हुए जिस तरह इस कहानी को कहा, उसने उनके नज़रिए को अत्यन्त परिपक्व रूप में परदे पर रूपायित क्रिया था |
Share
