Premchand : Kahani Ka Rahanuma
by Jaafar Raza

- Language: Hindi
- Pages: 248
- ISBN: 9788180310324
- Category: Research & Criticism
प्रेमचन्द की रचनाएँ आधुनिक भारत को समझने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम है, क्योंकि उन्हीं के समय से भारतीय पुनर्जागरण का प्रारम्भ होता है, जिसके पैरों की आहट उनकी रचनाओं में महसूस होती है । राष्ट्रीय जीवन की परिवर्तनशीलता, क्रिया- प्रतिक्रिया, प्रगति एवं प्रतिक्रियावादिता, धर्म तथा मानवता की परछाइयाँ प्रेमचन्द की रचनाओं में झलकती हैं । प्रेमचन्द की अनुभूति नदी के किनारे खड़े किसी दर्शक के समान नहीं है वरन् उन्होंने राष्ट्रीय जीवन के गहरे पानी में उतरकर समस्याओं से बोझिल नैया को किनारे जाने में अपने सहयोगियों का हाथ बँटाया था ।.... प्रेमचन्द के विषय में विभिन्न प्रकार के विचार व्यक्त किये गये हैं । किसी विचार में प्रेमचन्द प्राचीन भारत का गौरवगान करते हैं । कोई उन्हें किसानों तथा मजदूरों का साथी बताता है, किसी के विचार में प्रेमचन्द गांधीवादी हैं, कोई उन्हें साम्यवादी कहता है । आधुनिक वैज्ञानिक तथा भौतिक स्रोतों को जीवन का आधार माननेवालों को प्रेमचन्द में पाश्चात्य चिंतन दीख पड़ता है । कोई उनकी चर्चा आधुनिक भारतीय संवेदना की आधारभूमि मानता है । इस रंगारंगी में प्रस्तुत पुस्तक प्रेमचन्द के अध्ययन एवं अध्यापन को अधिक व्यापक करने के विचार से अपने मन्तव्य प्रस्तुत करती है ।