Skip to product information
1 of 1

Raf Raf Mail

Raf Raf Mail

by Abdul Bismillah

Regular price Rs 112.50
Regular price Rs 125.00 Sale price Rs 112.50
Sale Sold out
Shipping calculated at checkout.
Binding

Language: Hindi

Number Of Pages: 135

Binding: Hardcover

समकालीन हिंदी कथाकारों में जिन कुछ विशिष्ट कथाकारों की चर्च अकी जाती है उनमे अब्दुल बिस्मिल्लाह प्रमुख हैं ! ऐसा इसलिए है कि इस वैश्विक सभ्यता, बाजारीकरण और मूल्यहीनता के दौर में भी उनकी आस्था लोक से, जनसामान्य से जुडी हुई है ! उन्होंने पूंजीवादी व्यवस्था और दलाल बुर्जुआजी के बीच दम तोड़ते व्यक्तियों की सुगबुगाहट को अच्छी तरह पहचाना है और इनके भीतर छिपी विकासात्मक संभावनाओं को अपनी कहानियों में काव्यात्मक लय प्रदान की है ! भावनात्मक स्तर पर वे जिस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं, वहां जीवन के प्रति निश्छल एवं अकुंठ प्रेम का दर्शन होता है ! उनकी कहानियाँ परिवेशगत विचित्रताओं, विसंगतियों और जटिलताओं का सूक्ष्म, किन्तु मुकम्मल भाष्य हैं ! यहाँ वैचारिक प्रतिबद्धता के साथ भावना का तिरस्कार नहीं, स्वीकार है ! रफ रफ मेल की सभी कहानियां अब्दुल बिस्मिल्लाह की इन्ही जिवानेच्छाओं का प्रतिफल हैं ! रफ रफ मेल में संग्रहीत कहानियाँ अपने मिजाज और तेवर में परस्पर भिन्न हैं ! आज जबकि उत्तर-आधुनिक परिवेश और उत्तर-आधुनिक लेखन की चर्चा जोरों पर है; ये कहानियाँ अपने पाठकों को हर तरह के नारों से परे करके उन्हें उनकी जड़ो से जोडती हैं ! इस संग्रह में गृह प्रवेश, दुलहिन् जीना तो पड़ेगा, पेड़, लंठ, कर्मयोग और माटा-मिरला की कहानी आदि ऐसी कहानियाँ हैं, जो शिल्प के स्तर पर एकदम नई तर्ज की रचनाशीलता से रू-ब-रू कराती हैं ! रफ रफ मेल की सम्पूर्ण कहानियाँ संवादात्मक तो हैं ही, प्रयोगधर्मी भी हैं ! इन कहानियों में लोक-भाषा, लोक-लय और लोक-मुहावरों को सुरक्षित रखने की कोशिश की गई है, इसीलिए इनमे व्यग्यत्मकता और ध्वन्यात्मकता की तीखी धार दिखाई पड़ती है ! बीसवीं सादी के अंत में प्रकाशित यह कहानी-संग्रह अतीत का स्मरण तो दिलाता ही है, भविष्य की ओर भी संकेत करता है !
View full details

Recommended Book Combos

Explore most popular Book Sets and Combos at Best Prices online.