Ramrajya Ki Katha
by Yashpal
Save Rs 17.00
Original price
Rs 175.00
Current price
Rs 158.00


इस देश की जनता ने ब्रिटिश साम्राज्यशाही के शोषण और दासता से मुक्ति के लिए बहुत लम्बे समय तक संघर्ष किया है ! भारत की जनता के इस संघर्ष का नेतृत्व भारतीय मुख्यतः राष्ट्रीय कांग्रेस के हाथ में था ! भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व प्रकट तौर पर गाँधी जी के हाथ में था इसलिए कांग्रेस की नीति गांधीवाद के सत्य-अहिंसा के सिद्धांतों के अनुकूल रही है ! भारतीय जनता के संघर्ष का उददेश्य कांग्रेसी राज बना देने के लिए गाँधी जी ने उसे 'रामराज्य' का नाम दे दिया था ! कांग्रेस के राज्य को रामराज्य का नाम देने का प्रयोजन था-भगवान राम को सत्य, न्याय और अहिंसा द्वारा अपने सभी दफ्तरों, अदालतों और जेलों में 'अहिंसा के अवतार' गाँधी जी के चित्र लटकाकर इन चित्रों के ही नीचे निराकुश और निस्संकोच रूप में धांधली और दमन करने में ! संभवतः कांग्रेसी सरकार गांधीवाद को सत्य प्रमाणित करने के लिए संसार को यह दिखाना चाहती रही कि रामराज्य की व्यक्तिगत स्वामित्व की और स्वामी वर्ग द्वारा दास वर्ग पर दया कर उसका पालन करने की नीति, समाजवाद की अपेक्षा अधिक सत्य है !