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Ramrajya Ki Katha

Ramrajya Ki Katha

by Yashpal

Regular price Rs 158.00
Regular price Rs 175.00 Sale price Rs 158.00
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Binding

Language: Hindi

Number Of Pages: 103

Binding: Hardcover

इस देश की जनता ने ब्रिटिश साम्राज्यशाही के शोषण और दासता से मुक्ति के लिए बहुत लम्बे समय तक संघर्ष किया है ! भारत की जनता के इस संघर्ष का नेतृत्व भारतीय मुख्यतः राष्ट्रीय कांग्रेस के हाथ में था ! भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व प्रकट तौर पर गाँधी जी के हाथ में था इसलिए कांग्रेस की नीति गांधीवाद के सत्य-अहिंसा के सिद्धांतों के अनुकूल रही है ! भारतीय जनता के संघर्ष का उददेश्य कांग्रेसी राज बना देने के लिए गाँधी जी ने उसे 'रामराज्य' का नाम दे दिया था ! कांग्रेस के राज्य को रामराज्य का नाम देने का प्रयोजन था-भगवान राम को सत्य, न्याय और अहिंसा द्वारा अपने सभी दफ्तरों, अदालतों और जेलों में 'अहिंसा के अवतार' गाँधी जी के चित्र लटकाकर इन चित्रों के ही नीचे निराकुश और निस्संकोच रूप में धांधली और दमन करने में ! संभवतः कांग्रेसी सरकार गांधीवाद को सत्य प्रमाणित करने के लिए संसार को यह दिखाना चाहती रही कि रामराज्य की व्यक्तिगत स्वामित्व की और स्वामी वर्ग द्वारा दास वर्ग पर दया कर उसका पालन करने की नीति, समाजवाद की अपेक्षा अधिक सत्य है !
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