Author: Deendayal Upadhyaya
Languages: Hindi
Number Of Pages: 72
Binding: Paperback
Package Dimensions: 8.3 x 5.4 x 0.3 inches
Release Date: 01-12-2016
Details: प्रस्तुत पुस्तक में ऐतिहासिक तथ्यों के ढाँचे पर अपनी भाषा का रंग चढ़ाकर चंद्रगुप्त का चरित्र लिखा गया है। नायक की एकध्येयनिष्ठा ने स्वयं ही उसमें प्राण-प्रतिष्ठा की है। कुछ घटनाओं का वर्णन पाश्चात्य विद्वानों द्वारा लिखे हुए इतिहास से मेल नहीं खाता है। प्रस्तुत यह वर्णन कल्पना के आधार पर न होते हुए अपने प्राचीन तथ्यों तथा भारतीय विद्वानों द्वारा दी हुई आधुनिक खोजों के आधार पर है। जिनके लिए यह पुस्तक लिखी गई है, उन्हें सब प्रकार के ऐतिहासिक तथ्यों के वन में भ्रमण कराने की आवश्यकता नहीं है। इतना जानना पर्याप्त है कि यूरोपियन विद्वानों द्वारा प्रयत्नपूर्वक एवं उनका अंधानुकरण करनेवाले भारतीय विद्वानों द्वारा अनजाने में फैलाए हुए अंधकार को नष्ट करनेवाले ऐतिहासिक शोध के सूर्यप्रकाश में देखी हुई ये सत्य घटनाएँ हैं। -दीनदयाल उपाध्याय
अनुक्रम
भूमिका -Pgs 5
मनोगत -Pgs 7
उपोद्घात -Pgs 9
1. वैभवशाली राज्य तथा विलासी राजा -Pgs 17
2. देशप्रेम -Pgs 20
3. चाणक्य की चिंता -Pgs 26
4. गुरु तथा शिष्य की पहली मुलाकात -Pgs 31
5. आचार्य चाणक्य मगध में -Pgs 34
6. संघर्ष का संकल्प -Pgs 36
7. भारतीय पराक्रम तथा अलिक्सुंदर का अंत -Pgs 40
8. भविष्य की योजना -Pgs 43
9. अभिषेक की तैयारी -Pgs 47
10. सम्राट् चंद्रगुप्त की जय -Pgs 50
11. सेल्युकस का दुस्साहस -Pgs 55
12. सशक्त भारत -Pgs 58
13. शब्द भेदी बाण -Pgs 61
14. विष्णु का अवतार -Pgs 65
उपसंहार -Pgs 68