Tulsidas Chandan Ghisain
by Harishankar Parsai
Original price
Rs 150.00
Current price
Rs 135.00


Product Description
रचना की मूल अंतर्वस्तु और उसके भाषा-शिल्प- दोनों ही स्तरों पर परसाई जनता के रचनाकार थे! चाहे भाषा या भूषा का सवाल हो, चाहे धर्म, संस्कृति, कला, साहित्य अथवा प्रदेश का-उन्होंने उन पर व्यापक जनोंन्मुख नजरिये से विचार किया! अपने बेजोड़ व्यंगात्मक तेवर के सहारे अपनी समूची समकालीनता को खंगालते हुए पाठकीय मानस को जाग्रत और परिष्कृत करने की जैसे कोशिश उनके यहाँ मिलती है, वैसे इधर समूचे भारतीय साहित्य में दुर्लभ है! परसाईजी के इस निबंध-संग्रह में ‘सारिका’ के लिए दो स्तंभों-‘तुलसीदास चन्दन घिसें’ तथा ‘कबीरा खड़ा बाज़ार में’ – के अंतर्गत लिखे गए इकतीस निबंध शामिल हैं! इन निबंधों में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर दिखाई पडनेवाले अंतर्विरोधों पर कड़े प्रहार किये हैं,! वे बराबर उस जगह उंगुली रखते हैं, जिसे हम जाने-अनजाने अनदेखा इअर जाते हैं! कहने की आवश्यकता नहीं की संग्रह के प्रायः प्रत्येक निबंध को पढ़ते हुए पाठक न सिर्फ अपने समय को बेहतर ढंग से समझने लगता है, बल्कि वह अपनी सामाजिक भुमिका के प्रति भी अधिक गंभीर और सचेत हो उठता है!